बैडमिंटन

गंभीर, क्रूर और अब बस एक प्रेक्षक नहीं रहीं: पीवी सिंधु आखिरकार एक विश्व चैम्पियन हैं

38 मिनट तक प्रभुत्व का एकतरफा प्रदर्शन के बाद भारत की इक्के स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने चैम्पियनशिप में प्वाइंट हासिल कर लिया। उन्होंने एक और प्रहार कर डाला, जिससे जापान की नोजुकी ओकुहारा की वो हालत गई कि उनके पास कोई जवाब ही नहीं बचा, और भारतीय खेल के इतिहास में उन्होंने अपना नाम उकेर दिया। उन्होंने बेसल में बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर वह चीज हासिल कर ली जो भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले किसी भी पुरुष या महिला ने कभी नहीं की थी। पीवी सिंधु तब बस विश्व चैम्पियन बनीं ही थीं। और यह कोई आसान काम नहीं था।

2010 में एक माहिर खिलाड़ी बन जाने के बाद से, मुहावरे के रूप में सिंधु को हमेशा एक प्रेक्षक ही माना जाता रहा है। उन्होंने इस दशक के शुरुआती वर्षों में हावी रही साइना नेहवाल से जुड़ी ख़बरों को राफ्टर से देखा और उन्हें पहले वाली विश्व की नंबर 1 के बाद के दूसरे कठिन खेल खेलने वाली खिलाड़ी ही बने रहना पड़ा। अंत में जाकर उन्होंने 2013 विश्व चैम्पियनशिप में अपनी छाप छोड़ी, जहां इस तत्कालीन 18 वर्षीय ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया और इस स्पर्धा में भारत की एकमात्र पदक विजेता रहीं। अगले पूरे आधे दर्जन सालों में, सिंधु एक के बाद एक चैंपियनों को मात देते हुए और दुनिया की खास बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक के तौर पर अपनी प्रतिष्ठा अर्जित करते हुए सफलता हासिल करती चली गई हैं।

मगर जैसा कि मुकद्दर बताता है, सिंधु उस अंतिम बाधा को दूर करने के लिए जूझती रहेंगी। उन्होंने 2014 विश्व चैम्पियनशिप में अपने कांस्य पदक वाले प्रदर्शन को फिर से दोहराया, और उन्हें उसी साल के एशियाई गेम, कॉमनवेल्थ गेम के साथ-साथ एशियाई चैम्पियनशिप में तीसरे स्थान से संतुष्ट होना पड़ा। आखिरकार उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक के सेमीफाइनल के पड़ाव को पार किया और दुनिया की नंबर 1 कैरोलिना मारिन के खिलाफ़ पहले सेट में काँटे की टक्कर देते हुए 21-19 से जीत हासिल की। खेलों में एक-एक स्वर्ण पदक के लिए भूख से मरने वाले देश का प्रतिनिधित्व करते हुए सिंधु अमरता के द्वार पर खड़ी थीं। मगर यह पल हैदराबाद से आने वाली इस खिलाड़ी के लिए बहुत मुश्किल हो गया। गलतियां धीरे-धीरे बढ़ती चली गईं और उनकी स्पेनिश प्रतिद्वंद्वी ने इस खेल में बढ़त बनाते हुए अपने देश के लिए स्वर्ण पर कब्जा करने के लिए भारत की उज्ज्वल युवा उम्मीद को तीन सेटों में हरा दिया।

मारिन नानजिंग में 2018 विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में सिंधु को सीधे सेटों में हराकर उनकी तीसरी विश्व चैम्पियनशिप के ताज पर कब्जा जमाने के लिए उन्हें और अधिक झटके दिये। घुटने (एसीएल) की चोट ने इस स्पेनिश को 2019 संस्करण से बाहर रखा है, जिससे सिंधु के लिए अंत में उस मुश्किल से हाथ आने वाले ताज पर कब्जा जमाने का रास्ता साफ हो गया है। वे शुरुआती दौर में हवा की तरह आगे बहती चली गईं। अपने प्रतिद्वंदियों को हराने में उन्हें ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। उसके बाद जब दुनिया की नंबर 2 ताई ज़ू-यिंग से भिड़ने की बारी आई तो सिंधु ने उन्हें तीन सेटर में करारी हार देकर बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल के थर्ड स्ट्रेट में जगह बना ली। लेकिन शोपीस फाइनल में एक परिचित दुश्मन सिंधु का इंतजार कर रहे थे।


2017 के संस्करण में सिंधु ने विश्व की मौजूदा नंबर 3 नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ़ अपने पहले बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप फाइनल में जगह बनाई। तत्कालीन तेजस्वी 22 वर्षीय सिंधु और इस जापानी ने इस स्पर्धा के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ फाइनलों में से एक खेला, जहां भारतीय इक्का टाइटैनिक के मुकाबले के बाद 19-21, 22-20, 20-22 से हार गईं। पिछले छह साल में पीवी सिंधु की ताजा खबरें इस खेल की महान खिलाड़ियों की खबरों के बीच चमकने लगीं। लेकिन बाकी की खिलाड़ियों की तरह, उनके लिए भी अभी तक सबसे बड़े खेल में अपना प्रदर्शन दिखाना बाकी था। बड़ा फाइनल, इस खेल के सबसे बड़े नामों के खिलाफ़। रविवार को उन्हें अपने खेल की विरासत की मरम्मत करने का एक और मौका मिला। और 40 मिनट से भी कम समय तक चली डिमालिशन डर्बी के बाद सिंधु पर्वत की चोटी पर पहुंच गईं।

अपने गर्दन से स्वर्ण पदक को लटकाकर वह पोडियम के शीर्ष पर खड़ी हो गईं और इस 24 वर्षीय खिलाड़ी के लिए चारों ओर से सम्मान मिलने लगा। और जैसा कि अगले ही दिन अपनी खुशामद के दौरान उन्होंने खुलासा किया, उसके मोचन जितना मीठा और कुछ भी नहीं हो सकता था। बैडमिंटन की अन्य ताजा खबर पढ़ें।

लेखक: स्पोर्ट्स इंटरैक्टिव

लेखक के बारे में


द्वारा लिखित In._.DaFaNeWs

Related Post
शेयर
द्वारा प्रकाशित
In._.DaFaNeWs

हाल के पोस्ट

आकाश चोपड़ा ने IPL 2026 नीलामी में गुजरात टाइटन्स के संभावित टारगेट पर बात की

पूर्व भारतीय टेस्ट ओपनर आकाश चोपड़ा ने इंडियन प्रीमियर लीग 2026 की मिनी नीलामी में… अधिक पढ़ें

December 11, 2025

यशस्वी जायसवाल का कहना है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा की मौजूदगी से वनडे टीम में युवा खिलाड़ियों को मदद मिलती है

भारत के टैलेंटेड बैटर यशस्वी जायसवाल ने कहा कि अनुभवी बैटर विराट कोहली और रोहित… अधिक पढ़ें

December 11, 2025

रविचंद्रन अश्विन का कहना है कि साउथ अफ्रीका सीरीज़ के बाद सेलेक्टर्स के लिए वनडे वर्ल्ड कप टीम चुनना मुश्किल होगा

पूर्व भारतीय ऑफ-स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2-1 से सीरीज़… अधिक पढ़ें

December 10, 2025

सदागोपन रमेश ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज़ में विराट कोहली के प्रदर्शन की तारीफ की

पूर्व भारतीय टेस्ट ओपनर सदागोपन रमेश ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे… अधिक पढ़ें

December 10, 2025

आकाश चोपड़ा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे वनडे के बाद प्रसिद्ध कृष्णा के आलोचकों को लताड़ा

पूर्व भारतीय टेस्ट ओपनर आकाश चोपड़ा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे वनडे के बाद… अधिक पढ़ें

December 9, 2025

इरफ़ान पठान ने IND vs SA 2025 वनडे के बाद यशस्वी जायसवाल के लिए टेक्निकल बदलाव सुझाए

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफ़ान पठान ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज़ के बाद यशस्वी… अधिक पढ़ें

December 9, 2025